समझा दे मुझे

सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** कुछ समझ आता नहीं तू लिख के समझा दे मुझे।इश्क़ के दस्तूर क्या हैं यार 'बतला दे मुझे। राहे ह़क़ से कोई आख़िर 'कैसे भटका दे…

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