झूठे सपने हैं सब
इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************** कहने को अपने हैं सब। मगर झूठे सपने हैं सब। मन मंदिर है मेरा अपना, विरोधी घंटे बजने हैं सब। पापों का हो रहा है नाश, एक-एक कर घटने हैं सब। शत्रु तैयार खड़े हैं सामने, शब्द बान से कटने हैं सब। संगठित हो मगर जानता हूँं, … Read more