अधिक सोचना ‘पुण्य कर्म’

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ********************************************** इसमें कोई दो राय नहीं है कि,अधिक सोचना निस्संदेह हानिकारक होता है,परंतु जब टक्कर असंख्य बलशालियों व प्रभावशालियों से हो रही हो और…

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मौन से न्याय सम्भव नहीं

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ********************************************** मौन से न्याय कदापि सम्भव नहीं है,जबकि यह कहना अधिक उपयुक्त होगा कि मौन रहकर स्वयं द्वारा स्वयं से अन्याय करना है और…

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हौंसला रखिए,हँसने वाले तालियां भी बजाएंगे

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ********************************************** यह समाज है,जो अंधा-बहरा और लंगड़ा होने के साथ-साथ मनोरोगी भी है। इसकी विशेषता है कि यह जिन पर पहले हँसता है,बाद में…

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सफलता और चुनौतियाँ

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ********************************************** चुनौतियाँ कुछ भी हों,कर्म के आगे एक न एक दिन नतमस्तक हो ही जाती हैं। यह कर्मवीर की सहनशक्ति व सहनशीलता पर निर्भर…

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हर कर्तव्य का बोध होना आवश्यक

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ********************************************** बोध होना अति उत्तम है,परंतु बोध क्या होना चाहिए ? वह सृष्टि की संरचनाकर्ता अर्थात ईश्वर के उपरांत सभ्य समाज को गहनता से…

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शिक्षा और न्याय में हिन्दी बेहद आवश्यक

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* सम्पूर्ण शिक्षा नीति का नवीनीकरण हो रहा है,किन्तु जब तक न्यायपालिका में हिन्दी भाषा का प्रयोग नहीं होता,तब तक सब शिक्षा व्यर्थ है।…

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ईश्वर के सबसे करीब होता है कर्मवीर

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ************************************************** निस्संदेह कर्मवीर व्यक्ति ईश्वर के सबसे करीब होता है। बिल्कुल ऐसे जैसे गुरुदेव की आज्ञा का पालन करने वाला शिष्य गुरु के सबसे…

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विचारों के बिना जीवन सम्भव नहीं

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* बिना विचारों के जीवन तो सम्भव है। सम्भवतः जानवर भी अपना जीवन यापन करते हैं,जबकि जानवरों को विचार नहीं आते,परंतु मानव जीवन विचारों…

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स्वार्थ से दूर रखना चाहिए जीवन

इंदु भूषण बाली ‘परवाज़ मनावरी’ज्यौड़ियां(जम्मू कश्मीर) ******************************************************* हाँ,हमें अपना जीवन स्वार्थ से दूर रखना चाहिए। यही हमारे धर्मग्रंथों की शिक्षा भी है कि,दूसरों के प्रति नि:स्वार्थ सेवा भाव रखना चाहिए।…

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४ पुस्तकों के आवरण का हुआ विमोचन

राँची(झारखंड)। अंतर्राष्ट्रीय साहित्य कला संगम साहित्योदय में नवरात्रि महोत्सव का आयोजन किया गया है। इसमें अगले ९ दिन तक काव्यपाठ, भजन आदि का सजीव प्रसारण किया जाएगा।शुरुआत में शनिवार को…

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