अनेकता में एकता

सुरेश जजावरा ‘सुरेश सरल’ छिंदवाड़ा(मध्यप्रदेश) ****************************************************** अनेक रंग अनेक रूप, अनेक पंथ है जहां। अनेक धर्म अनेक कर्म, अनेक भाषा बोलियां जहां। विविध रंगों से रंगा हुआ, एक मेरा हिन्दुस्तां। एक मेरा हिन्दुस्तां…॥ हैं शब्द अनेक सुर अनेक, अनेक जाति अनेक वर्ण जहां। है भेद-भेद से भरा हुआ, है एक वृक्ष,अनेक पर्ण जहां। यौवन उपवन-सा … Read more