बचपन

डॉ. जानकी झाकटक(ओडिशा)************************ बचपन की नादानियां,दोस्तों संग बदमाशियांछिप-छिप कर भाई-बहनों संग,घर पर होती शैतानियां।न किसी बात की फिक्र,न किसी बात का गमपलक झपकते सब मिल जाता,दादा-दादी के प्यार से मन खुश रहता।दिनभर पढ़ने को मम्मी कहती,पापा कहते बच्ची मेरी है छोटीचिड़ियों की तरह हम चहकते रहते,खेल-कूद कर दिन बिताते।पर देखो अब कैसा समय है आया,मोबाइल … Read more

मैं शहीद की पत्नी

डॉ. जानकी झाकटक(ओडिशा)************************ रोती रही,बिलखती रही,हर पल सुहाग को अपनेयाद करती रहीदेश के लिए शहीद हुए तुम,घर पर हमें रोता छोड़ गए तुम।जीवनभर साथ निभाने का वादा,पिता,पुत्र,भाई और पति काधर्म न निभा पाए तुम,शहीद की पत्नी हूँ मैं…गर्व है मुझे।पर व्यथा इस अंतरात्मा की,किसे अब दिखा पाऊंगी मैं ?मातृभूमि की सेवा के लिए,प्राण अपने न्योछावर … Read more

दिल में छिपा दूँ

डॉ. जानकी झाकटक(ओडिशा) ************************ रिश्ता यह अनमोल है,प्यार पर अपने हमें गुरूर हैजान से भी ज्यादा हम चाहें उन्हें,कुर्बां उन पर ये जहां है। न आँसू उनके कभी आने पाए,न जाने क्या सोच कर दिल घबराएन छूटे साथ यह मेरा,न हो दिल कभी मैला। आँखें जब हमारी चार हुई,देखते ही देखते कुछ बात हुईजाने-अनजाने न … Read more