चलो कुछ दूर यूँ ही साथ-साथ

डॉ.किशोर जॉन इंदौर(मध्यप्रदेश) ************************************************************** चलो कुछ दूर यूँ ही साथ-साथ, ज़िन्दगी का साथ हो मुमकिन नहीं रोज़ मुलाक़ात हो मुनासिब भी नहीं, कुछ यू ही हो अफ़सानी बातें कुछ हँसी-कुछ मुस्कुराहटें। कुछ पुरानी,कुछ नई बातें, बस चलना है साथ-साथ किसी का साथ अच्छा लगता है, एक सुकून ठण्डा-सा एहसास पहली बरसात की बूंदों-सा, सुबह फूलों … Read more