गाँव मनोरम

कैलाश झा ‘किंकर’ खगड़िया (बिहार) ************************************************************************************ गाँव मनोरम दृश्य लिये नित, स्वच्छ हवा-जल पूरित होता। दूध,दही,मछली नित माखन, गेह अनाज विभूषित होता। खेत-पथार सुशोभित गामक, बात-विचार न दूषित होता। बाग-बगान हँसे निशि-वासर ग्राम-प्रधान सुपूजित होता। पश्चिम में सरिता नद-निर्झर, उत्तर में मधु वृक्ष लगायो। दक्षिण में कृषि योग्य धरा पर, धान,गहूम,चना उपजायो। पोखर एक बड़ा … Read more