किस्मत

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ************************************************************************** हाय री किस्मत ढूँढते हुए, पागल हो गया मैं,पता दे। कहां रहती,कैसी दिखती, जरा हमको भी बता दे। लोग कहते तू मिल जाए, तो जिंदगी संवर जाती है। दूर खड़ी हँस रही मुझ पर, पास मेरे क्यों नहीं आती है। नहीं मिलती हर किसी से, पर हर दिल में … Read more

अंतर्मन की आवाज

कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ************************************************************************** पूछो तो अंतर्मन से अपने, जग में तुमने क्या गंवाया। हर जगह कहता फिरता, ये दुनिया बस मोह-माया। कह देना आसान बहुत है, मुश्किल जीवन में उतारना। गड़गड़ाना अलग बात है, और बादल का बरसना। झूठ ना बोले आत्मा कभी, चाहे चेहरे पे लगा ले नक़ाब। स्वार्थ में इतने … Read more