नारी जीवन

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) **************************************************** शम्मा-सा जलता है पल-पल,और पिघलता नारी जीवन।देकर घर भर को उजियारा,आँखें मलता नारी जीवनll कर्म निभाती है वो तत्पर,हर मुश्किल से लड़ जाती,गहन निराशा का मौसम हो,तो भी आगे बढ़ जातीlपत्नी,माँ के रूप में सेवा,तो क्यों खलता नारी जीवन,देकर घर भर को उजियारा,आँखें मलता नारी जीवन…ll संस्कार सब उससे चलते,धर्म … Read more

पुराना ज़माना

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* बहुत प्यारा था,पुराना ज़माना,सब बातें थीं प्यारी,समां था सुहाना।दद्दा और अम्मा,बाई और कक्का,चना और चबेना,ज्वार और मक्का।खेत और खलिहान,होला और भुट्टा,सदा घूमा करते थे,हम सारे छुट्टा।नाले और बावड़ी,तालाब और पोखर,नहाते थे सारे,हम जी भरकर।मकान थे कच्चे,रिश्ते पर पक्के,सम्बंधों को कभी भी,लगते न थे धक्के।घर थे छोटे पर दिल थे बड़े,धन … Read more

जीवन सत्य

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* सच्चाई की बात निराली,जीवन-सुमन खिलेंlअपनेपन से कर्म सँवारो,मंगलगीत मिलेंll करुणा का सागर छलकाओ,उर आनंदित होगा,हर इक पल में खुशी मिलेगी,मन उल्लासित होगाl पीर हरोगे यदि औरों की,धन्य करोगे जीवन,चहक उठेगें तन-मन दोनों,महकेगा घर-आँगनl मानव-सेवा,माधव-सेवा,यही धर्म सच्चा है,कर्मकांड में जो है खोया,वह मानव कच्चा हैl भौतिकता का मोह त्यागकर,आध्यात्म अपनाओ,झूठ,कपट तज,अंतर्मन … Read more

खंडहर

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* खड़े खंडहर आज जो,कहते वे इतिहास।कला-विरासत को लिए,देते सुख-अहसास॥ दिखती जिनमें श्रेष्ठता,होता गौरव-बोध।ढूँढ-ढूँढकर कर रहे,पढ़ने वाले शोध॥ कहीं महल,तो दुर्ग हैं,मंदिर-मस्जिद रूप।खंडहरों में हैं छिपी,बीते युग की धूप॥ नालंदा की भव्यता,संस्कार का नूर।विश्वगुरू हम थे प्रखर,विद्या से भरपूर॥ कितना स्वर्णिम था कभी,जानें आप,अतीत।उसने यश,गौरव रचा,गया ‘शरद’ जो बीत॥ खंडहरों में … Read more

परमवीर चक्र विजेताओं को याद किया १५१ कवियों ने

मंडला(मप्र)। काव्यकुल संस्थान द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय परमवीर चक्र काव्योत्सव में भारत, अमेरिका,तंजानिया,रूस,जापान (संयुक्त अरब अमीरात),कतर आदि देशों के १५१ रचनाकारों ने देश के २१ परमवीर चक्र विजेताओं पर अपनी रचनाओं का वाचन किया। इतने कवियों का एकसाथ काव्य पाठ का विश्व रिकॉर्ड भी बनाया गया।संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कार्यक्रम संयोजक डॉ. राजीव पाण्डेय ने … Read more

बन जाओ अनमोल

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* ग़म है,पीड़ा,है व्यथा,पर है सुख भी साथ।जो जैसा चिंतन करे,आता वैसा हाथ॥ खुशियाँ मिलती हैं बहुत,तकलीफ़ें भी संग।जीवन के दो रूप हैं,होते हैं दो रंग॥ वैसे जीवन को कठिन,माने है इनसान।कभी-कभी यह सत्य है,पर जीवन वरदान॥ जीवन का निर्माण कर,मानव बने महान।तप जाए जब आग में,तब मानव भगवान॥ जीवन के … Read more

दीप पर्व

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* दीपावली पर्व स्पर्धा विशेष….. दीप कर रहे वंदना,सदा रहे उजियार।हर घर नित खुशहाल हो,दूर भगे अँधियार॥ दहरी पर आकर रमा,करती रहीं पुकार।पर गृहस्वामी ने नहीं,किया उचित सत्कार॥ रोशन है बस्ती,नगर,आलोकित हर गाँव।उल्लासों के संग ही,पाता है सुख ठाँव॥ है गृहलक्ष्मी पूज्या,सम्मानित हर नार।अंतर के आनंद से,जगमग है संसार॥ घर में … Read more

शरदोत्सव

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* शरद पूर्णिमा स्पर्धा विशेष….. शरद पूर्णिमा, जिसे कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा भी कहते हैं;हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा को कहते हैं। ज्‍योतिष के अनुसार पूरे साल में केवल इसी दिन चन्द्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। हिन्दू धर्म में इस दिन कोजागर व्रत माना गया … Read more

विजयादशमी पर्व है अहंकार की हार

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) **************************************************** विजयादशमी पर्व है,अहंकार की हार।नीति,सत्य अरु धर्म से,पलता है उजियारll मर्यादा का आचरण,करे विजय-उदघोष।कितना भी सामर्थ्य पर,खोना ना तुम होशll लंकापति मद में भरा,करता था अभिमान।तभी हुआ सम्पूर्ण कुल,का देखो अवसानll विजयादशमी पर्व नित,देता यह संदेश।विनत भाव से जो रहे,उसका सारा देशll निज गरिमा को त्यागकर,रावण बना असंत।इसीलिए असमय हुआ,उस … Read more

नारी जीवन

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************** शम्मा-सा जलता है पल-पल,और पिघलता नारी जीवन।देकर घर भर को उजियारा,आँखें मलता नारी जीवनll कर्म निभाती है वो तत्पर,हर मुश्किल से लड़ जाती,गहन निराशा का मौसम हो,तो भी आगे बढ़ जातीlपत्नी,माँ के रूप में सेवा,तो क्यों खलता नारी जीवन,देकर घर भर को उजियारा,आँखें मलता नारी जीवन…ll संस्कार सब उससे चलते,धर्म … Read more