सबला नारी

बुद्धिप्रकाश महावर मन मलारना (राजस्थान) **************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… एतबार नहीं है आज,मुझे किसी भी शख्स पर, बैठा हो चाहे वो,किसी भी ताजो-तख्त पर। मैं नारी हूँ नारी ही,बस रहना चाहूंगी, शील-शक्ति-सौंदर्य का,गहना ही चाहूंगी। अबला थी मैं अबला,आज सबला बन गई, तभी तो हर मानव से,आज मेरी ठन गई। जो चाहा है … Read more

ओले

बुद्धिप्रकाश महावर `मन` मलारना (राजस्थान) **************************************************** ओले-ओले सब करत,ओ ले कहत न कोय। ओ ले,ओ ले जो कहे,वो मन अपना होयll केश भया पानी नहीं,पानी भया न केश। सिर मुंडा ओले गिरे,बदला सिर का भेषll खेती कर कृषक भया,हरियाली चंहुऔरl फसल पकी ओले पड़े,दुर्भाग्य का दौरll हरी-हरी खेती भयी,ओले रजत सुहाय। सब-कुछ अब चौपट हुआ,हाथ … Read more