हर कोई बदहाल हुआ सावन में

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** हर कोई बदहाल हुआ है सावन में। पानी जैसे काल हुआ है सावन में। रोज कमाकर खाने वाला कुनबा तो, रोटी बिन बेहाल हुआ है सावन में। एक बरस क्यों चुप्पी साधे बैठा था ? मेंढक जो वाचाल हुआ है सावन में। कोई भीग रहा है मस्ती में देखो, … Read more