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हर कोई बदहाल हुआ सावन में

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी
कुशीनगर(उत्तर प्रदेश)

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हर कोई बदहाल हुआ है सावन में।
पानी जैसे काल हुआ है सावन में।

रोज कमाकर खाने वाला कुनबा तो,
रोटी बिन बेहाल हुआ है सावन में।

एक बरस क्यों चुप्पी साधे बैठा था ?
मेंढक जो वाचाल हुआ है सावन में।

कोई भीग रहा है मस्ती में देखो,
कोई खस्ताहाल हुआ है सावन में।

खेतों के सँग सारी पूंजी डूब गई,
कितना आज मलाल हुआ है सावन में।

कोई रोक रहा है बारिश का पानी,
फिर से एक बवाल हुआ है सावन में।

इतना पानी बरस रहा है जोरों से,
पर्वत भी पाताल हुआ है सावन में।

कब तक सड़कों के गड्ढे भर जाएंगे ?
फिर से वही सवाल हुआ है सावन में।

फुरसत में ‘आकाश’ जहाँ हम सोते हैं,
घर वो पोखर-ताल हुआ है सावन में॥

परिचय-वकील कुशवाहा का साहित्यिक उपनाम आकाश महेशपुरी है। इनकी जन्म तारीख २० अप्रैल १९८० एवं जन्म स्थान ग्राम महेशपुर,कुशीनगर(उत्तर प्रदेश)है। वर्तमान में भी कुशीनगर में ही हैं,और स्थाई पता यही है। स्नातक तक शिक्षित श्री कुशवाहा क़ा कार्यक्षेत्र-शिक्षण(शिक्षक)है। आप सामाजिक गतिविधि में कवि सम्मेलन के माध्यम से सामाजिक बुराईयों पर प्रहार करते हैं। आपकी लेखन विधा-काव्य सहित सभी विधाएं है। किताब-‘सब रोटी का खेल’ आ चुकी है। साथ ही विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन हो चुका है। आपको गीतिका श्री (सुलतानपुर),साहित्य रत्न(कुशीनगर) शिल्प शिरोमणी सम्मान(गाजीपुर)प्राप्त हुआ है। विशेष उपलब्धि-आकाशवाणी से काव्यपाठ करना है। आकाश महेशपुरी की लेखनी का उद्देश्य-रुचि है।

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