कैसे व्यर्थ जाने दूँ

मानकदास मानिकपुरी ‘ मानक छत्तीसगढ़िया’  महासमुंद(छत्तीसगढ़)  *********************************************************************** कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष………. एक-एक इंच जमीन के लिए सारे तन से लहू बहा दिया, भूख-प्यास में लड़कर केवल सीने में जो गोलियां खाई। क्षणिक नहीं विश्राम किया,लड़ते-लड़ते प्राण गंवा दिए, धीर-वीर सैनिकों ने ही हिंदुस्तान की लाज बचाई। ऐसे वीरों का बलिदान कैसे व्यर्थ में जाने … Read more

महिला-अदभुत शक्ति

मानकदास मानिकपुरी ‘ मानक छत्तीसगढ़िया’  महासमुंद(छत्तीसगढ़)  ************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… महिला एक शब्द ही नहीं है,वह अथाह सागर की तली है, जिसका पार ना कोई पा सका,उसमें अदभुत शक्ति भरी है। जिसकी सहनशीलता के आगे धरती क्या सारी सृष्टि की भी कमी है, सूर्य में आग,पुष्प में सुगंध,जल में उतनी नमी नहीं, जितनी … Read more