वृक्षों के कटने का दर्द
मानकदास मानिकपुरी ‘ मानक छत्तीसगढ़िया’ महासमुंद(छत्तीसगढ़) *********************************************************************** हमसे पूछो वृक्षों के कटने से दर्द कैसा होता है, कोई हमारा घर जलाता है,उजाड़कर सोता है। काटता है-जलाता है,दूर बड़ा घर बनाता है, हमें मार-भगा,हमारे वन को,अपना बताता है। हम बेघर हो भटकते हैं,ओ तो लूट-पाटकर खाता है, खोद-खोद कर धरती माँ को,खोखला करता जाता है। निज … Read more