असमंजस

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** जीवन की भाग-दौड़ में अक्सर कई बार हम, सही निर्णय नहीं ले पाते, दुविधा या असमंजस में जब हम होते हैं, कोई निर्णय लेने में असमर्थ पाते हैं, खुद को। ऐसे में, जरूरत होती है एक सच्चे दोस्त, सच्चे मार्गदर्शक की जो सही दिशा, प्रदान कर सके हमें असमंजस और, … Read more

वर्तमान का मूल्यांकन

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** संचार क्रान्ति का युग है, लोग ये कहते है। दूरियाँ न रही अब, दूरियाँ बढ़ गयी मगर दिलों की। ईंट से ईंट जुड़कर, मकान बन रहे हैं। दरारें पड़ रही हैं, मगर मानवीय रिश्तों में। अनवरत् कदम बढ़ाए जा रहे हैं, दिन महीने की ओर, महीने वर्षों की ओर वर्ष … Read more

हिन्दी के प्रचार और विस्तार में सोशल मीडिया की भूमिका

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** हिंदी  दिवस स्पर्धा विशेष……………….. हिंदी आज एक ऐसी भाषा है,जो दुनिया में इतने बड़े स्तर पर बोली व समझी जाती है। मीडिया ने हिंदी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दुनियाभर में आज भारतीय फिल्में व टेलीविजन कार्यक्रम देखे जाते हैं। इससे भी दुनिया में हिंदी का प्रचार-प्रसार हुआ … Read more

हरियाली

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** धरा करती श्रृंगार देखो वर्षा की फुहार, हरियाली हर ओर धरती हरियाई। छाई है देखो बहार नाचता है मन मोर, हो गई सुहानी भोर धरा खिलखिलाई। कोयल की मीठी तान पपीहे की देखो शान, कामदेव छोड़े बान रति भी मुस्कुराई। घनघोर घटा छाई मोरनी नृत्य लुभाई, मन में खुशियाँ लाई … Read more

गम सहती है,फिर भी हँसती है…

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** हर गम सहती है। फिर भी हँसती हैll चलना ही है जीवन, बस यही कहती है। हर हाल में वह, मुस्काती रहती हैll हर गम सहती है… फिर भी हँसती है… तेरी एक आवाज पर, दौड़ी चली आती है। स्नेह की धारा लुटा, नदिया बन बहती जाती हैll हर गम … Read more

देशभक्ति

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष………. मन में देशभक्ति की भावना रहे, दिल में देशहित की कामना रहे। शहीदों की कुर्बानी हमें याद रहे, उनके कर्मों का बखान हम करें। अमर जवान ज्योति सरताज रहे, इस तरह उनका मान बरकरार रहे। उनके इतिहास पर हमें नाज रहे, उनसे प्रेरणा ले समर्पण … Read more

उपकार

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** उपकार आपका कैसे भूलें, ईश्वर आपका है आभार। मानव जीवन दिया मुझे, कर सकूँ किसी पर उपकार॥ उपकार आपका कैसे भूलें, माता आपका है आभार। ममता का आँचल दिया, दिए आपने सही संस्कार॥ उपकार आपका कैसे भूलें, पिता आपका है आभार। सीख दिया जीवटता का, नमन आपको है साभार॥ उपकार … Read more

मोहर

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** अजीब-सी रीत है, हर काम करने के पहले लगवानी पड़ती है, तुम्हारी स्वीकृति की मोहर। तुम हाँ कहो, तभी कदम आगे बढ़े मेरे वरना कदम रुके ही, रह जाते हैं मेरे। ऐसा क्यों ? मैं नारी हूँ… बस इसलिए ! मुझे भी उड़ने का हक है खुले उन्मुक्त गगन में, … Read more

अब चुप न रहो

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** खामोशी तोड़ दो, अब चुप न रहोl कोई नहीं समझेगा, दु:ख-दर्द यहाँ तेरा बात मान लो मेरी, अब जिद्द छोड़ दोl खामोशी तोड़ दो- अब चुप न रहोll आज की नारी हो, सब पर भारी हो अधिकार जान लो, मन से मन जोड़ लोl खामोशी तोड़ दो- अब चुप न … Read more

आत्मनिर्भर

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** “उमा,कब तक दूसरों के बच्चों से खेलती रहोगी ? अब अपना भी सोचो।” पास खड़ी मिसेज शर्मा ने कहा। उमा बस-“जी चाची जी” ही कह पायी,अब कहे भी क्या ? ऐसी बातों से अब अक्सर उसे दो- चार होना ही पड़ता है। शादी के पाँच वर्ष बाद भी उसकी गोद … Read more