सरकारी भिखारी

मानकदास मानिकपुरी ‘ मानक छत्तीसगढ़िया’  महासमुंद(छत्तीसगढ़)  *********************************************************************** भिखारी कहूं कि लुटेरा या घूसखोर, जादूगर कहूं कि खेलवाला या चोर। सरकारी काम का भी अजीब ढंग से लेता है पैसा, एक हस्ताक्षर भी ईमान से नहीं गरीबों की ओरll कैसा कर्मचारी-कैसा अधिकारी,कैसा है इंसान, शपथ-पत्र ईमानदारी का भरता भी है बेइमान। कहता है-रिश्वत नहीं लूंगा कभी … Read more

सच का वृक्ष

मानकदास मानिकपुरी ‘ मानक छत्तीसगढ़िया’  महासमुंद(छत्तीसगढ़)  *********************************************************************** सच का वृक्ष, सूखने लगा आज- संभल जाओl अपनों बीच, कितने धोखेबाज- ध्यान लगाओl जरूरत है, झूठ का पूर्णनाश- आगे तो आओl सच का बीज, रख अपने हाथ- उगाते जाओl