माँ की ममता…मेरी जन्नत
डॉ.मंजूलता मौर्या मुंबई(महाराष्ट्र) ************************************************************* मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… नन्हीं-सी गुड़िया बनकर जब मैंने ली अंगड़ाई, तेरे आँचल में ही माँ,मैंने सारी खुशियाँ पाई मेरे सपने तेरी आँखों में सजते थे… हर पल लगते जहाँ खुशियों के मेले थे। नन्हें होंठों से जब भी मैं हँसती थी, तेरे होंठों पर भी भोली-सी हँसीं खिलती थी और … Read more