गुपचुप निमंत्रण

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** आज मुझको मिल रहा है प्यार का गुपचुप निमंत्रण, कौन समझेगा कि मन की चाह पूरी हो रही है। क्यों किसी की राह देखूं पथ में आँखें बिछाये, क्यों किसी के सामने बैठूं बनूं उसका पुजारी। क्यों लिखूं पाती किसी को, प्यार का संदेश लिखकर जबकि करता रुप ही खुद, … Read more

मातृ पद महान

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ का पद है जगत में, सब से श्रेष्ठ महान। न्याय प्रेम निस्वार्थता, जग को किया प्रदान। उच्च मातृपद ने दिया, नैसर्गिक उपदान। अधिकारिक निःस्वार्थता, अधिकाधिक बलिदान। माताओं में प्रेम का, कीर्तिमान निर्धार किया वहीं है वस्तुतः, जग जीवन आधार। माँ की ममता आंव कुएं-सी, झर-झर … Read more

माँ का किरदार…

मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’ जयपुर(राजस्थान) *************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… जब उसने कभी माँ का किरदार निभाया होगा, साड़ी में चेहरे पर ममता का भाव तो आया होगाl एक संवेदनहीन बुत से वह कैसे दिल लगाएगी, यह ख्याल उसके मन में हजार बार आया भी होगा ? सोचती होगी क्या खूब करिश्मा है यह भी … Read more

आदर्श

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** भिन्न-भिन्न नर जातियां, भिन्न-भिन्न संस्कार हम न किसी आदर्श का, कर सकते प्रतिकार। हर नर का कर्तव्य है, हृदय ग्राह्य आदर्श जीवन में लेकर चलें, हेतु प्रगति उत्कर्ष। व्यवहारिक होता नहीं, बिना विचार-विमर्श मतान्धता धर्माधन्ता, पर निर्मित आदर्श। मन स्वाधीन रहे सदा, रहे उच्च आदर्श फलीभूत होगा तभी, यह जीवन … Read more

एक और अनेक

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** आओ भाई हम सब भाई, माला आज बनायेंगे। मालाओं को पहन गले में, एक रूप बन जायेगें हम मातृभाषा अपनाएंगे। फूल हमारे खुशबू वाले, बागों की सुन्दरता वाले। इसी भांति सुन्दर-सुन्दर से, हम कर्त्तव्य दिखाएगें हम राष्ट्रभाषा अपनाएंगे। सुई-धागे हाथ जुटाकर, अपने-अपने फूल सजाकर नीलेपीले सभी गूंथ कर, मन की … Read more

बेजान पत्थर

मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’ जयपुर(राजस्थान) *************************************** ना मन्दिरों में महफूज है, ना मस्जिदों में सलामत है। कलियों के खिलने पर अब, बागों-बगीचों में भी बगावत है। अब तलक यकीं था कि, बसता है तू कहीं पत्थर की मूरत में तू रहनुमाँ है कहीं कुरान की सूरत में… पर भोला था मैं जो, यकीं कर बैठा … Read more

धरा तू महान है

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… है धरती माँ,तुझे प्रणाम, तू कितनी है महान। तेरे आँचल में पले जग सारा , हर प्राणी की तू है जान, तू बड़ी महान। सम भाव से सबको हांके चहुँऔर रखती हैं ध्यान, हर समस्या का समाधान , तू बड़ी हैं महान। कभी बहाती तीव्र … Read more

प्यार की जमना है माँ

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** मेरी माँ, ज्ञान की गंगा है प्यार की जमना है। सपनों की गुल्लक है, यादों का गहना है माँ हमारी दोस्त,सहेली और बहना हैl थपकी है प्यार भरी,लोरी की सरगम है, आस्था की भोर नई माँ,श्रद्धा की पूनम है। माँ हमारी सबसे प्यारी सुन्दर और भोली-भाली, बाँहों का झूला है,आँचल … Read more

एक पेड़ लगाएं,पर्यावरण बचाएं

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** हरे-भरे उपवन का बन जाये, हर घटक राष्ट्र का माली। क्लेश काल का बने ग्रास नित, काल निशा हो कभी न काली। लेकर के संकल्प आज हम, एक-एक पेड़ लगाएं पर्यावरण बचाएं। वन जब घटा है बड़ा है प्रदूषण, जन-जन में फैली है बीमारी भीषणl यह संताप मिटाएं, आओ एक … Read more

तीन जोड़ी पायल…

मनोज कुमार सामरिया ‘मनु’ जयपुर(राजस्थान) *************************************** जबसे मैंने सुनना सीखा सुनकर गुनना सीखा, तब से मैं पहचानता हूँ पायल को और उसकी छनछन को। पहले जब मैं भूख से बिलखकर तड़प-तड़प कर रो-रो कर, आँगन को उठा लेता था सिर पर… तब कहीं से चला आता था, पायल का स्वर…। हाँ ये माँ के आने … Read more