फंसना न इनके दांव में

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ कोयल की कुहू-कुहू कभी कौए की कांव-कांव में। पथ भटके हुओं की मंजिल न किसी गाँव में। दर-दर ठोकरें खायी,हुए पसीने से तर-बतर, थोड़ा ठहरो सुस्ता लो बैठ किसी पीपल की छाँव में। जब पूर्व निश्चित हो जाये जाने का स्थल, तभी रखना पाँव पार करने को किसी नाव में। … Read more

सूर्य तुम्हें ही बनना है

डॉ.नीलिमा मिश्रा ‘नीलम’  इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) ************************************************************** नश्वर जग है आत्मदीप बन तुम्हें निरंतर जलना है, तम की घोर निशा के आगे सूर्य तुम्हें ही बनना है। करो साधना इष्टदेव की, पुण्य करो संचित केवल। स्वार्थ लोभ का त्याग करो तुम, ज्ञान भक्ति का ले संबल। भटक रहे हो जन्म-मरण के, चक्र का भेदन करना … Read more

सुभाष-भगत बन सबक सिखायेंगे

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ मत समझो हम गांधीवादी हैं हरकतों को सहते ही जायेंगे, नित करोगे आतंकी अलगाव और हिंसा हम न कह पायेंगे। अब समय गया जो कबूतर उड़ाये जाते थे संवाद दुहराये- हमने ठाना हर हरकत पे सुभाष भगत बन सबक सिखायेंगेll परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून १९७३ में … Read more

सावधान दुष्टों

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ आज हिमालय बोल उठा है देश के दुश्मन और गद्दारों से, सावधान दुष्टों अभी भरत भूमि विहीन नहीं हैं राष्ट्रदुलारों से। सैनिकों का सर्वस्व समर्पण देश के लिए सीमाओं पर खड़ा है- जिसने कल तक समझा कमजोर उसको दिया जबाब बड़ा है॥ परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून … Read more

दीए की शान

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** मृतिका रूप गुंथा पड़ा था, आटे जैसा सना पड़ा था। आभार कुंभकार तेरा, उठा तूने चाक पर बिठाया। दीया माटी का तूने बनाया, पवित्र अग्नि में मुझे तपाया। रंग-रोगन मुझ पर चढ़ाया, लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनाया। बाजार में मेरा मोल बढ़ाया, हरि मंदिर मुझको पहुंचाया। त्योहारों की … Read more

वह दिन कब आएगा ?

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ हम सब साथ-साथ पर सैनिकों के शव कब तक गिनते जाएंगे, वह दिन कब आएगा जब इनकी छाती पर चढ़ तिरंगा फहराएंगे। देश कह रहा बहुत हो चुका अब धैर्य नहीं रख सकते हम हैं- शहादत की परीक्षाएं अनेक दे लीं,परिणाम लेकर कौन आएंगे॥ परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl … Read more

बेवफा

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** बेवफा मुझको बता रहे हो, अपनी कहो क्या छुपा रहे हो। मेरी वफाओं को भूल कर के, जहर यह कैसा पिला रहे हो। इंतहा की हद हो गई थी, कह कर गए थे कल आ रहे हो। बेवफा कहना आसा बहुत है, अपनी वफा क्या निभा रहे हो। बेवफा … Read more

ऐसा दिन कब आयेगा

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ आस्तीन में पले साँपों को जब तक न कुचला जायेगा, हम परीक्षायें कितनी दे लें,परिणाम कभी न आयेगा। बैठक चर्चायें बातें खूब हुईं और होती भी रहेंगी मित्रों- माँ-बाप पत्नी बहन भाई न रोये,ऐसा दिन कब आयेगाll परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में हैंl … Read more

कब तक गिनते जाएंगे

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ हम सैनिकों के शव यूँ ही कब तक गिनते जाएंगे, आतंक और आतंकियों को कब सबक सिखलायेंगे। देश कह रहा बहुत हो गया,अब बचा है धैर्य नहीं- ये इनके आकाओं की छाती पर भी तिरंगा फहरायेंगे॥ परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl २६ जून १९७३ में मुरछा(शाहजहांपुर,उप्र)में जन्में हैंl वर्तमान … Read more

करवा चौथ

रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** करवा चौथ मनाती सुहागन, सलामत रहे कहे रब से रे साजन। कार्तिक महीने का चंदा यह प्यारा, छलनी से देखा चाँद दोबारा। करनी तसल्ली अब पूजा करूंगी, व्रत का अपने परायण करूंगी। पिन्नी का भोग चाँद को लगाया, सुनाई कहानी पियूंगी अब पानी। आज सिंगार में कमी नहीं है, … Read more