नाम ‘केन्द्रीय भारतीय भाषा समिति रखा जाए

डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’ मुम्बई(महाराष्ट्र) *************************************************************** केन्द्रीय हिंदी समिति हिंदी के लिए गठित भारत सरकार की सर्वोच्च समिति है। इस समिति का कार्य संघ की राजभाषा यानी हिंदी का संघ के कार्यों में प्रयोग व प्रसार के लिए सर्वोच्च स्तर पर निर्णय लेना है,लेकिन इस संबंध में मेरा सुझाव है कि इस समिति का नाम … Read more

आधुनिक बनाम पुरातन ज्ञान-विज्ञान

डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’ मुम्बई(महाराष्ट्र) *************************************************************** जब कोई खगोलीय घटना घटती है,तो विभिन्न टी.वी. चैनलों पर वैज्ञानिकों और आध्यात्मिक गुरुओं के बीच वैचारिक संघर्ष साफ दिखाई देता है। लगता है दोनों में एक-दूसरे को पछाड़ने की होड़ लगी है। अगर यह कहूँ कि,इस मामले में मैं अक्सर स्वयं को वैज्ञानिकों के नहीं, बल्कि कथित आध्यात्मिक … Read more

साथी हिंदी-कर्मियों से मन की बात

डॉ.एम.एल.गुप्ता ‘आदित्य’  मुम्बई (महाराष्ट्र) ********************************************************** ‘हिंदी दिवस’ विशेष…….. राजभाषा विभाग सहित भारत संघ के कार्यालयों के हिंदी अनुभागों-विभागों- एककों आदि में और संघ की राजभाषा नीति के लिए कार्यरत सभी कार्मिकों,वे चाहे किसी भी कार्यालय में और किसी भी पद पर क्यों न हों,उनके कार्य का मुख्य उद्देश्य यह है कि संघ के कार्यों में … Read more

नई शिक्षा नीति के संबंध में कुछ सुझाव:मौलिक चिंतन मातृभाषा में ही

डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’ मुम्बई(महाराष्ट्र) *************************************************************** स्वाभाविक रूप से मौलिक चिंतन मातृभाषा में होता है,लेकिन भारत में तेजी से बढ़ रहे अंग्रेजी माध्यम के चलते बच्चा जो स्वभाविक रूप से मातृभाषा जानता है,अंग्रेजी नहीं,वह विवश होकर बचपन से बिना समझे पाठ्यसामग्री को रटने लगता है। इसके कारण धीरे-धीरे उसकी तर्कसंगत व मौलिक चिंतन की स्वाभाविक … Read more

विशुद्ध राजनीति है अंग्रेजी को बढ़ाने की

डॉ.एम.एल.गुप्ता ‘आदित्य’  मुम्बई (महाराष्ट्र) ********************************************************** शिक्षा नीति २०१९ के प्रारुप पर भाषा को लेकर बवाल……. प्रश्न यह है कि अंग्रेजी समर्थक एक शक्तिशाली वर्ग जिसने संविधान सभा के निर्णय के पश्चात भी संविधान के अनुच्छेद ३४३ में इस प्रकार का प्रावधान करवाया कि संविधान लागू होने के १५ साल के बाद भी अंग्रेजी के प्रयोग … Read more

…यादें और केवल यादें

डॉ.एम.एल.गुप्ता ‘आदित्य’  मुम्बई (महाराष्ट्र) ********************************************************** होलिका दहन का वह दिन,मैं घर पर ही था। चिकित्सक तो पहले ही जवाब दे चुके थे। बात केवल इतनी बची थी कि कितने दिन और..। चिर-निद्रा में जाने से पहले ही कामिनी की नींद लगातार बढ़ती जा रही थी। वह ज्यादा से ज्यादा समय सो रही थी। पल-पल उसकी … Read more