उगता सूर्य…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ उगता रवि- इंद्रधनुषी आभा, अद्भुत छवि। सूर्य लालिमा- छाया नव उत्साह, मिटी कालिमा। भोर वंदन- जल पुष्प अक्षत, कर अर्चन। महका वन- कलियों पे मधुर, अलि गुंजन। मुख मुस्कान- दीप आरती कहीं, शंख का नाद। परिचय-निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म तिथि ५ मई … Read more

साथ छूटे ना

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ सामाजिक सम्बन्ध और दूरी स्पर्धा विशेष……….. मजबूरियाँ- सामाजिक सम्बंध, और दूरियाँ। साथ छूटे ना- अटूट हो बन्धन, कोई रूठे ना। हो अनुबंध- कभी नहीं बिगड़े, अच्छे संबंध। यही है रीत- भूल के नफ़रत, रखना प्रीत। कर सम्मान- सामाजिक सम्बन्धों, का रख ध्यान। परिचय-निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ … Read more

जागी दुनिया सारी

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** माना, ‘कोरोना’ का आना विपदा इस जग पर भारी है, किन्तु इसके आने से ही तो,जागी दुनिया सारी है। श्वेत वस्त्र,काले मन वाले दुष्ट सभी भयभीत हुए, जाति-धर्म का राग सुनाते शान्त सभी,वो गीत हुए। मौत के भय से छूमंतर देखो सब दंद औ फंद हुए, ज़हर उगलने वाले,सब … Read more

`कोरोना` को हराना…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************** कहना मान- `कोरोना` को हराना, रखना ध्यानl मुख ढकना- मिलने झूलने से, सदा बचनाl यही कहना- बेवज़ह घर से, न निकलनाl न हो उदास- सब मिलकर के, करें प्रयासl सब बेबस- कोरोना के समक्ष, चले न बसl परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म तिथि … Read more

चिकित्सक हैं ईश..

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************** डॉक्टर नर्स- सब निभा रहे हैं, अपना फ़र्ज। कर तू पूजा- चिकित्सक हैं ईश, का रूप दूजा। न होना खफ़ा- डॉक्टर की दवा से, रोग हो दफ़ा। जगाते आस- अंतिम साँस तक, करें प्रयास। होता है गर्व- स्वस्थ होने पर, सबको हर्ष। परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम … Read more

आई है होली…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************** आई है होली- भूल के नफ़रत, करो ठिठोलीl उमड़ा प्यार- जब हुई रंगों की, यहाँ बौछारl बजा मृदंग- तू थोड़ा-सा झूम ले, दोस्तों के संगl होगा मलाल- अपनों के संग न, खेली गुलालl कहना मान- हो न रंग में भंग, रखना ध्यानl परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम … Read more

पिता पालक..

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ पिता पालक- परिवार का होता, सच्चा साधकl पिता महान- उसके चरणों में, सारा जहानl पिता संस्कार- सब पर लुटाता, निःश्छल प्यारl पिता उड़ान- बच्चों के लिए खुला, है आसमानl पिता सम्मान- सबकी खुशियों का, रखता ध्यानl परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म तिथि ५ … Read more

शराब…करे ख़राब

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ बिगड़ी दशा- जब से पी मदिरा, हो गया नशाl यह शराब- सबका ही जीवन, करे ख़राबl पी सोमरस- कहीं हो मत जाना, यों मदहोशl बुरी आदत- किसी को नहीं लगे, दारू की लतl दिन या रैन- मत पीयो शराब, आता न चैनl परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम … Read more

सेना-दिवस-अभिनंदन…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ अभिनन्दन- सेना दिवस पर, कोटि वंदन। देश की शान- सेना सीमाओं पर, लुटाती जान। करो सम्मान- तिरंगे में लिपटा- वीर जवान। असीम शक्ति- कूट-कूट के भरी, राष्ट्र की भक्ति। जय जवान- बच्चा-बच्चा है गाता, गौरव गान। परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म तिथि ५ … Read more

दस्तूर…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ कैसा दस्तूर- जिन्हें माना अपना, हो गये दूरl जग की रीति- खाया धोखा उनसे, जिनसे प्रीतिl पूछता कौन- प्राचीन परम्परा, क्यों हुई गौणl संस्कार भूले- छोड़ परम्पराएँ, ख्वाबों में झूलेl टूटी प्रथाएँ- दिलों में हैं दूरियाँ, रूठी आस्थाएँl परिचय–निर्मल कुमार जैन का साहित्यिक उपनाम ‘नीर’ है। आपकी जन्म … Read more