डोर से बँधा हुआ प्यार

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* रक्षाबंधन विशेष…….. रेशम की इक डोर से,बँधा हुआ है प्यार।कर देता खुशहाल है,राखी का त्यौहार॥ रक्षाबंधन पर्व पर,छाए खुशी बहार।भाई देता है सदा,बहना को उपहार॥ आया पावन पर्व है,रिश्ते हो मजबूत।भाई-बहना में बढ़े,पावन नेह अकूत॥ सजे कलाई भ्रात की,रेशम की इक डोर।सदा सुरक्षित ही रहे,बहना की हर भोर॥ रक्षा का संकल्प … Read more

मन

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* मन है चंचल अरु आवारा।मन ही होता सबसे न्यारा॥मन पर रखो सदैव नियंत्रण।जीवन में कर लो सब यह प्रण॥ मन होता है इन्द्रिय स्वामी।कहलाता है अन्तर्यामी॥तीव्र चाल मन की ही होती।मिले नहीं अब मन का मोती॥ मन के हारे हार सभी है।जीते मन से नहीं कभी है॥मन को जीत लिया है … Read more

बिना प्रेम जग सूना

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* विश्व सौहार्द दिवस स्पर्धा विशेष…. बिना प्रेम के ये जग सूना।मिले प्रेम से ही सुख दूना॥प्रेमामृत रस पान जो करे।जीवन के सारे कष्ट हरे॥ प्रेम तपस्या जीवन पूजा।प्रेम ईश का नाम है दूजा॥स्वारथ इसमें कभी न होता।प्रेम पयोधि लगाये गोता॥ राह प्रेम की जो अपनाता।जीवन में खुशियाँ वो पाता॥प्रेम सदा विश्वास … Read more

गर्मी

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* दोपहरी की धूप से,बढ़ा ताप चहुँ ओर।तप्त तवे सी है धरा,पवन मचाए शोर॥पवन मचाए शोर,नहीं यह मौसम भाता।गर्मी का ये रूप,सभी को ये झुलसाता॥कहता कवि करजोरि,लगे अब रात सुनहरी।तन पर बहता स्वेद,रहे अब गरम दुपहरी॥ गरमी के इस ताप से,सूखे ताल तड़ाग।सूरज भी झुलसा रहा,बरसाता है आग॥बरसाता है आग,विकल हैं प्राणी … Read more

प्रार्थना सुन लो प्रभो

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* रचना शिल्प:मात्रा भार १६/१२ संसार के करतार भगवन,प्रार्थना सुन लो प्रभो।कष्ट अब मिट जाए सभी के,शोक हर लो हे विभो॥ रोते बिलखते लोग दिखते,आज विपदा आ पड़ी।ऐसा भयंकर रोग आया,दुःख की है ये घड़ी॥ पकड़े हुए यह रोग सबको,बच न कोई पा रहा।छोटा बड़ा निर्धन धनी होसर्व जन को खा रहा॥ … Read more

घर-परिवार से मिलती इक पहचान

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* घर-परिवार स्पर्धा विशेष…… रचना शिल्प-१३/१३सबको जीवन में खुशी,देता घर-परिवार है।बिन इसके मिलता नहीं,सपनों को आकार है॥ रहता जो परिवार में,वह पाता संस्कार है।मिट जाते दु:ख-दर्द भी,मिलता सबको प्यार है॥ माँ की ममता हो जहाँ,बाबा की फटकार हो।बच्चों की शैतानियाँ,ऐसा घर-परिवार हो॥ खुशियाँ हो हर एक दिन,दीवाली हर रात हो।साथ रहें माता-पिता,सबके … Read more

श्री राम

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* जन्में चैत्र सुदी नवमी कोधन्य किया भारत अवनी को॥मर्यादा के थे जो पालकइस जग के थे वो संचालक॥ राम थे विष्णु के अवतारीधर्म सुरक्षा के व्रतधारी॥धनुष भंग कर सीता ब्याहीसिय के मन में राम लला ही॥ मर्यादा पुरुषोत्तम रघुवरजन्में अवध में राम प्रभुवर॥दीनजनों के हितकारी हैंचरणकमल पर बलिहारी हैं॥ मान पिता … Read more

‘संकट’ से मिल के लड़ें

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* ‘संकट के इस दौर में,रखें धैर्य विश्वास।आत्मनियंत्रित हों सभी,यह विचार है खास॥ लौटें हम अध्यात्म में,भौतिकता को त्याग।कोई रोग न दोष हो,’संकट’ जाए भाग॥ तन से दूरी हो भले,मन से रहे न दूर।‘संकट’ में सब साथ हों,प्रेम रहे भरपूर॥ मतभेदों को भूलकर,सभी रहें इक साथ।‘संकट’ से मिल के लड़ें,ले हाथों में … Read more

प्यास

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* ज से जल जीवन स्पर्धा विशेष… कटते अरण्य व सूखता जल,सूर्य आग तपा रहा।धरती तपे नदियाँ बिना जल,जीव भी दुख पा रहा॥ हर एक भौतिक जीव भी अब,प्यास से तड़पा हुआ।वसुधा बिना जल के हुई अब,खेत भी उजड़ा हुआ॥ नभ मेदिनी जल आज दूषित,कष्ट का यह दौर है।मर जाय ना हम … Read more

सरस्वती वंदना

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ************************************* माँ सरस्वती वरदायिनी,विनती बारंबार है।माँ भाव नया उर में भरो,आज्ञा सब स्वीकार है॥ हे श्वेतकमल शुभआसनी,हमको यह वरदान दो।हम निर्विकार लिखते रहें,सबको ऐसा ज्ञान दो॥ मात भवानी सुरमोदिनी,वाणी में नव भाव दो।हे भवतारक सुरभारती,सद्गुण का सद्भाव दो॥ कर जोड़े मैं विनती करूँ,नित नूतन कविता रचें।हे सद्गुण वैभवशालिनी,हम सब दोषों से बचें॥ … Read more