वन्दना
प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** हमें प्रगति के नये-नये मार्ग दिखाना, न विचलें हम,हमें चलना सिखाना। मानवता न रोए बिलख कर कभी, हे सरस्वती माँ हमको हमीं से मिलाना॥ जीवन के उपवन में न भँवरों का घात हो, न कभी समाज में अंधविश्वास की बात हो। सदैव सुरक्षित रहें मानवता के नीड़ यहां, न हो दु:ख … Read more