वन्दना

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** हमें प्रगति के नये-नये मार्ग दिखाना, न विचलें हम,हमें चलना सिखाना। मानवता न रोए बिलख कर कभी, हे सरस्वती माँ हमको हमीं से मिलाना॥ जीवन के उपवन में न भँवरों का घात हो, न कभी समाज में अंधविश्वास की बात हो। सदैव सुरक्षित रहें मानवता के नीड़ यहां, न हो दु:ख … Read more

नज़र

प्रेमा नड़ुविनमनी धारवाड़(कर्नाटक) ******************************************************************* मेरे सपनों के महलों में, रखना तुम कदम एक बार। तेरे होंठ से होंठ मिलाकर मैं चूम लूँ जरा, मेरे सपनों की दुकान से मैं कौन-सा तोहफा ले आऊँ,दूँ तुम्हें ? सपनों को तो तुमने ही बेचा, तेरे सामने है सब फीका। सजन सपनों से दूर होकर, मेरे दिल में बसना … Read more