मानव है स्वार्थी
डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’ सोलन(हिमाचल प्रदेश) ******************************************************************* प्रकृति और मानव स्पर्धा विशेष…….. प्रकृति अपनी चीजों का उपयोग, स्वयं नहीं करती वह इससे है, मानव का पेट भरती। मानव है स्वार्थी, करता है प्रकृति से खिलवाड़ तभी तो आते हैं सूखा और बाढ़। मानव प्रकृति की गोद में फलता फूलता है, इसके बाद भी प्रकृति को … Read more
 
					