देश जाग चुका

पुष्कर कुमार ‘भारती’ अररिया (बिहार) ********************************************************** हैदराबाद घटना-विशेष रचना……….. सदियों से सोया था देश मेरा आज फिर से जाग चुका है, कलंक लगा था जो माथे पे एक पल में उसे धो डाला। न रिपोर्ट हुई,न कोई सबूत न तारीख,न कोई बहस, पापियों को कुछ ही पल में उसी की भाषा में जवाब मिला। सुनो … Read more

दोस्त हाथ बढ़ाना रे

पुष्कर कुमार ‘भारती’ अररिया (बिहार) ********************************************************** दोस्त जरा हाथ बढ़ाना रे, जरा तू साथ निभाना रे ऊंच-नीच का भेद-भाव, छोड़ के गले मिलना रे। दोस्ती है हमारी तेरी, जन्म-जन्मान्तर की रे आ जा तू अब इस जग, को भी दिखाए यह दोस्ती रेl बचपन से हम घूमते, जिस गली-मोहल्ले में चलो साथ मिलकर, अब घूमते … Read more