माटी की गुड़िया
रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** मैं माटी की गुड़िया हूँ, मिट्टी में मिल जाना है। माना शक्ल मेरी भी थी, कहते लोग खजाना है। सुंदर आँखें,गोरा रंग था, लटें भी थीं घुंघराली होंठ गुलाबी,चाल हिरनिया, मैं भी थी मतवाली। क्रूर नापाक पंजों से,पर कर ना पाई सुरक्षा। जानवरों के उन पंजों ने, देखो मुझे … Read more