राहे वफा में हरषो काँटे
आर.पी. तिवारी स्वदेश बांदा (उत्तर प्रदेश) ********************************************************************** राहे वफा में हरषो काँटे, धूप जियादा साये कम। लेकिन इस पर चलने वाले, खुश ही रहे पछताए कमll राहे वफा में हरषो काँटे… धीमी-धीमी चाल से हमको, राह गुजर तय करनी है। नाज था जिनको तेज रंगी पर, मंजिल तक वो आये कमll राहे वफा में हरषो काँटे… … Read more