जीवन को जीतना है

डॉ.शैल चन्द्रा धमतरी(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** क्या हुआ जो घरों में बंद हैं, होगा आगे आनंद ही आनंद है। अभी इक्कीस दिन सब्र के साथ रहो घर के अंदर, नहीं तो महाप्रलय…

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क्यों मैं समझती रही

मौसमी चंद्रा पटना(बिहार) ************************************************************************ तुम हमेशा वैसे ही थे जैसे आज हो, क्यों मैं समझती रही तुम अलग हो। मैंने तुम्हें हमेशा ही दिखाये फूलों से लदे हरे-भरे पेड़, तुमने…

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बहू नमक की तरह होती है..

निशा सतीशचन्द्र मिश्रा यामिनी मुंबई(महाराष्ट्र) ************************************************ मुरैना भदोही गांव की रहने वाली रेवा का इलाहाबाद के एक बड़े व्यापारी के बेटे सरजू के साथ ब्याह हुआl नए घर में बड़े ही…

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