‘हिंदी’ है देश-प्रेम की भाषा

शंकर शरण  ************************************************************************ यह बात बार-बार साबित हो रही है कि जिन भारतीयों को पूरे देश से जुड़ाव-लगाव है वे तो हिंदी का महत्व समझते हैं,लेकिन जो राष्ट्रीय एकता के प्रति लापरवाह हैं,प्राय: वही हिंदी पर हीला-हवाला करते हैं। हमारे जो बुद्धिजीवी माओवादियों,अलगाववादियों, जिहादियों आदि से सहानुभूति रखते हैं,वे हिंदी का विरोध भी करते हैं। … Read more