मतलबी राग

शिवम द्विवेदी ‘शिवाय’  इंदौर (मध्यप्रदेश) ******************************************************************** किसका गीत सुनाऊँ,सब मतलबी राग हैं, भीतर से दगाबाज़ बाहर फिर भी सजाये साज हैं। आदमी संभलता तब,जब वक्त की लगती ठोकर है, जो करता बातें सच्ची,सच्ची राह बताता ये दुनिया उसे समझती जोकर है। ये ज़माना किसी का नहीं,न ही इस पे हक़ किसी का, यहाँ कुछ भी … Read more