पेट की आग
शिवानन्द सिंह ‘सहयोगी’ मेरठ (उत्तरप्रदेश) ****************************************************** बल-प्रयोग के जहरवाद से, दु:खी पेट की आग। उत्पीड़न के नसतरंग का नहछू और नहावन, छुआछूत की दाल-पिठौरी पत्थर का परिछावन, कुमुदिनियों के अंग-अंग पर ‘मैं-भी’ का है दाग। भूख-प्यास की दोपहरी की साँस-साँस वैरागी, नहर-निरीक्षण-घर में सेवा रात बिताई भागी, गहन अँधेरे में मंत्रालय खूब पकाये पाग। लोक-लुभावन … Read more