खुशियों के रंग

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* खुशियों के रंग अनेक तितली-सी होती रंगीन, चुलबुली अभी रहती और फुर्र उड़ती चलीl ममता के हिंडोले में, चमकती खूब ये नयनों की पुतलियों मेंl बचपन के दिनों में सखी दोस्तों के संग हँसी, खिलखिलाती हुई खुशियों के रंग अनेकl त्योहार उत्सव हो या युवा जगे स्वप्न जो, … Read more

कहो प्रिया लिख दूँ…!

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* लिख दूँ मैं जो हवाओं के संग, फिजाओं के लहराते आँचल पर भौरों के गुंजन संग, कलियों के अधरों परl धड़कते सीने के, अँखियों की चमक पर राहों के सफर में, बासंती मधुवन मेंl कहो प्रिया लिख दूँ, तुम्हारा अपना नाम…!! परिचय- डॉ.आशा गुप्ता का लेखन में उपनाम-श्रेया है। … Read more

गणतंत्र दिवस मनाएं

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* स्वतंत्र भारत का उत्तम संविधान, गण औ तंत्र का सुंदर विवरण छब्बीस जनवरी को दिया मान, तंत्र है वो विधिवत संचालन इसका अर्थ साथी सबको बताएं, आओ गणतंत्र दिवस मनाएं। गणतंत्र एक है अनोखी प्रणाली, भारत का है सार्वजनिक मामला नही होता यह कोई निजी संस्था, ना होता … Read more

ओस की बूंदें

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* लिए चमक हीरे मोती गौरव, देखिए इठलाती ओस की बूंदें भोर किरण की इन पर गिरती, हृदय आनंदित देख कर बूंदेंl शीत ठंड हरी घासों पे सजती, दमक-दमक कहती हैं ये बूंदें सजा रही हूँ धरती को अनुपम, प्रकृति कहती मुझे लुभाती बूंदेंl पुष्प पंखुरियाँ धीमे हैं खुलती, … Read more

वो सुनहरे बडे़ दिन की छुट्टी

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* ‘बड़े दिन की छुट्टी’ स्पर्धा  विशेष……… आया शीत बडे़ दिन की छुट्टी, समृति में जागे बचपन के दिन उत्साह भरा होता था मन में, सखी मित्र संग खेल उपवन में। भाई-बहनों की हँसी घुल-मिल, चलो सजायें हम क्रिसमस वृक्ष बैलून चमक फीतों से सजाते, जली मोमबत्तियाँ घेर सजाते। … Read more

मुझे भी जीने का हक

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* युगों-युगों से तुम कहते, देवी मान कभी हो पूजते माता सखी बहन प्रेयसी, कितने रुपों में मैं जीती। गर्भ में तुम्हें धारण कर, सौ-सौ मन्नतें मैं माँ करती तुम्हारी तुतलाती सुन बातें, हँसती औ बलैया मैं लेती। बहना हूँ भैया उम्र बढा़ती, देख मेरे अल्हड़ भावों पर और … Read more

न्याय चाहिए

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* हैदराबाद घटना-विशेष रचना…………….. कितनी निर्भया कितनी बालिकाएं, कितनी प्रियंका कितनी नन्हीं जान। न्याय माँगे बेटियाँ माताओं की आन, सुधार तत्परता सजा की है गुहार। पनप रहें कितने खूंखार युवा संसार, दरिंदगी हद पार करते आत्मा मार। नही सहेंगें ना रूकेगें चाहिए न्याय, नही सुरक्षित हम तुम्हारी बेटियाँ। तुम्हारे … Read more

धुंध की चादर

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* छायी धुंध की चादर, शहरों में घुटन ऐसी जन-जीवन का अभिशाप, उफ्फ कर रहा हर जंतु-जीवl प्रगति कहे मानव दोषी, मानव कहे प्रगति कारण कल कारखाने मोटर-कार, दो पहिया ट्रक ए.सी. अनेकl किसानों ने जलाई पिराली, तापमान हुआ असंतुलित घनत्व वायु का जो बढ़ा, उलझन ऐसी नमी के … Read more

आशाओं के दीप

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* दीप जले जब घर देहरी में मन का दीप भी साथ जले, यह प्रकाश ज्योतिर्मय दीपों की अंधकार मिट जाएगाl दीप जले जब घर देहरी में, मन का दीप भी संग जलेl अन्याय घृणा लोभ कटुता मानव हृदय ना भरमाए, दीपों की झिलमिल क्यारी में आशाओं का दीप … Read more

अंदाज

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* अंदाज दिल की दौलत है देखिए, उल्फ़त की जमीं पे रहती देखिए। निगाहों की बातें वो होंठों की हँसी, धड़कते दिल की हिमाक़त देखिए। वो मचलता-सा दिल कहने की बातें, वो संग खामोशी के लम्हें गज़ब देखिए। वो आपका आना साँसों की तड़प-सा, लहर मोहब्बत की बढ़ी रब … Read more