खुशियों के रंग
डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* खुशियों के रंग अनेक तितली-सी होती रंगीन, चुलबुली अभी रहती और फुर्र उड़ती चलीl ममता के हिंडोले में, चमकती खूब ये नयनों की पुतलियों मेंl बचपन के दिनों में सखी दोस्तों के संग हँसी, खिलखिलाती हुई खुशियों के रंग अनेकl त्योहार उत्सव हो या युवा जगे स्वप्न जो, … Read more