विरह वेदना

संजीव शुक्ल ‘सचिन’  पश्चिमी चम्पारण(बिहार) ****************************************************************** है गीत ये मिलन का,गाओ मुझे सुनाओl चितचोर दिल लगाकर,यूँ दूर अब न जाओll तेरे लिए सजी हूँ,मनमीत मैं बता दूँl जो भूल तुम गये हो,चल याद मैं करा दूँll दृग से मुझे गिराकर,यूँ दूर तुम न जाओl है गीत ये मिलन का,गाओ मुझे सुनाओll चक्षु में तुम बसे … Read more

खुद बन अपना रखवाला

श्रीकृष्ण शुक्ल मुरादाबाद(उत्तरप्रदेश)  ***************************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… वृक्ष काट कर इस धरती को, तूने बंजर कर डाला। भूजल का अतिशय दोहन कर, रिक्त किया जल का प्याला॥ सूर्य ताप अब सह ना पाए, मरुथल-सी बनती जाती। पूछ रही मानव से धरती, ये तूने क्या कर डाला॥ अपने ही जीवन को तूने, कैसे संकट … Read more

`मत` डालने निश्चित जाना

श्रीकृष्ण शुक्ल मुरादाबाद(उत्तरप्रदेश)  ***************************************************************** मौसम आया फिर चुनाव का, फिर अपनी सरकार बनाना। लेकिन अवसर चूक न जाना, वोट डालने निश्चित जानाll प्रत्याशी लेकर आए हैं, लोक लुभावन ढेरों वादेl जनता भी है भोली-भाली, समझ न पाती कुटिल इरादे॥ पहले इनकी चाल परखना, तदुपरान्त अच्छे को चुननाl लेकिन आलस में मत पड़ना, वोट डालने निश्चित … Read more

मेरे भीतर मेरा क्या है

श्रीकृष्ण शुक्ल मुरादाबाद(उत्तरप्रदेश)  ***************************************************************** तन भी नश्वर मन भी नश्वर, जरा सोच फिर,तेरा क्या है नहीं आज तक जान सका मैं, मेरे भीतर मेरा क्या है। ह्रदय सतत् स्पंदन करता, हर पल हर क्षण चलता रहता साँसों के ताने-बाने को, क्या है साँझ,सवेरा क्या है। मन करता है सब कुछ पा लूँ सपनों को जीवंत … Read more

नारी दुर्लभ वरदान

डाॅ.अचलेश्वर कुमार शुक्ल ‘प्रसून’  शाहजहाँपुर(उत्तरप्रदेश) ****************************************************** नारी मनुज को सृष्टि का,अति दुर्लभ वरदान। इसकी तुलना में नहीं,पृथ्वी पर प्रतिमान॥ सत्य यही संसार का,नारी बड़ी महान। नारी ही देती सदा,मानव को निर्माण॥ नर नारी से सीखता,जाने सकल जहान। नारी से ही बन सके,सारे पुरुष महान॥ नारी के तप त्याग से,बने देवता योग। नारी तू नारायणी,सच कहते … Read more