ऐसी है मेरी बेटी…

सुमिधा सिदार`हेम` सरकण्डा(छत्तीसगढ़) ****************************************************** भरी दोपहरी धूप में, पानी की कुछ बूंदें आ उसके, हाथों में गिर पड़ी। आसमां को ताकती, दौड़ती-भागती मेरे पास आयी। कहती है…माँ,माँ…! अब बारिश होनें वाली है, पापा तो `रेनकोट` नहीं लाए हैं, पापा बारिश में भीग जाएंगे ना ? उसकी चिंता, पिता के प्रति स्नेह हाँ,वो अब जिम्मेदारियों से, … Read more

गलत सोच

सुमिधा सिदार`हेम` सरकण्डा(छत्तीसगढ़) ****************************************************** थक गई हूँ तेरे गलत इल्ज़ाम से, कठपुतली की तरह कब तक सजी रहूँ महंगी साड़ी,गहने-श्रृगांर से। मैं कोई वस्तु नहीं,मेरे अन्दर भी जीव है, दर्द होता है तेरी इन कड़वी बातों से। मैं औरत हूँ, बस औरतों के बीच रहूँ यही मेरी पहचान है। जीना चाहती हूँ मैं, कुछ करना … Read more