मनाओ अपना नूतन वर्ष
विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद विनम्र’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************* गुड़ी पड़वा विशेष…. मन उल्लासित रंग तरंग में,चहुँदिश छाया नव उत्कर्ष,गीत सुहाने गाए रागिनी,आया अपना नूतन वर्ष। नव आलोक संग नवल चेतना,गूँजे वादों का मल्हार,नई रश्मियां सूरज की लाई,गुड़ी पड़वा का त्यौहार। सुंदर-सुंदर सुमन खिले हैं,सजे सुहाने वंदन वार,विश्वास नया नव हर्ष लिए,मन में छाए नवल विचार। नूतन वर्ष में … Read more