बता क्या
विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************* जिंदगी बड़ी हसीं है तुझे पता क्या,न हो मरना तो जीने का मजा क्या। रेत-सा फिसलता है वक्त हाथों से,फिर भी घड़ी में तेरी बता बजा क्या। फिक्र में घुलता एक बेटी का बाप,उसके मर्ज की है कोई दवा क्या। सुबह-शाम चिंता है चंद निवालों की,मजदूर के हालातों का तुझे पता … Read more