बता क्या

विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************* जिंदगी बड़ी हसीं है तुझे पता क्या,न हो मरना तो जीने का मजा क्या। रेत-सा फिसलता है वक्त हाथों से,फिर भी घड़ी में तेरी बता बजा क्या। फिक्र में घुलता एक बेटी का बाप,उसके मर्ज की है कोई दवा क्या। सुबह-शाम चिंता है चंद निवालों की,मजदूर के हालातों का तुझे पता … Read more

हवा अभी बेमेल है

विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************* विज्ञान भी हुआ फेल है,खत्म सबके ही खेल है। घर में ही हैं दुबके सभी,बंद सबसे अभी मेल है। बाहर न निकलना अभी,निकले तो समझो जेल है। कश्मकश हर मोड़ खड़ी,जीवन की चलती रेल है। सिकुड़ती साँसें चहुँओर,दीए में खत्म होता तेल है। घर में कुशल से रहो ‘विनोद’,बाहरी हवा अभी … Read more

सितम जा…

विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************* आदमी जरा थम जा,जहां है वही जम जा।घर में बैठ सुकून से,बाहर अभी कम जा। सबका तू मान रख,तू ही थोड़ा नम जा।बड़ा विध्वंश मचाया है,‘कोरोना’ के तू तम जा। जान है तो जहान है,मौतों के ऐ सितम जा।‘विनोद’ भी कह रहा है,रक्षा में सबकी प्रथम जा॥ परिचय–विनोद कुमार सोनगीर का … Read more

‘होली के रंग-काव्य के संग’ कवि सम्मेलन में खूब जमा रंग

इंदौर (मप्र) | ‘परिंदा की पाठशाला’ मंच पर होली के रंग-काव्य के संग ऑनलाइन कवि सम्मेलन हुआ। इसमें विभिन्न कवियों ने काव्य पाठ कर कोरोना के प्रति जागरुकता का संदेश दिया।इस कार्यक्रम की शुरुआत हरिशंकर पाटीदार (हाटपिपल्या) ने सरस्वती वंदना से की। सागर के रामगोपाल निर्मलकर ‘नवीन’ ने घर में रहिए, सुरक्षित रहिए का संदेश … Read more

बिटिया के जन्म दिन पर कराई काव्य गोष्ठी

इंदौर(मप्र)। साहित्य सदैव संस्कारों को पोषित करता है और जीवन में माधुर्य विद्यमान रहता है। इसी मधुरता को चहुंओर बिखेरने में निरंतर प्रयासरत संस्था ‘नई क़लम’ (साहित्य के नवांकुर) द्वारा नियमित मासिक काव्यगोष्ठी का आयोजन संस्था उपाध्यक्ष कवि विनोद सोनगीर की पुत्री कु.प्रज्ञा के जन्मदिवस पर उनके निवास पर उत्साहपूर्वक किया गया। यह कार्यक्रम ‘अंतरराष्ट्रीय … Read more

ठीक नहीं

विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************* काम से गद्दारी ठीक नहीं,झूठ से खुद्दारी ठीक नहीं। कभी सताना मुफलिस को,उन पर रंगदारी ठीक नहीं। बेईमानी से जो काम करे,उससे साझेदारी ठीक नहीं। स्वदेश की वस्तुएं अपनाएं,विदेशी खरीददारी ठीक नहीं। स्वार्थ से सभी काम जो साधे,उनसे रिश्तेदारी ठीक नहीं। अपना सर्वस्व सबपे लुटाना,ऐसी दिलदारी ठीक नहीं। बिन बुलाए मेहमान … Read more

जय-जयकार वतन की

विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************* मत कर सदा तू अपने मन की,फिक्र कर थोड़ी अपने तन की। ब्रह्म काल में उठ रोज योग कर,जरूरत न और कोई जतन की। दु:ख में भी जो काम न आ पाएं,फिर क्या जरूरत ऐसे धन की। सीना तान खड़े जवान सीमा पर,चिंता उनको हर एक जन की। पुष्प स्वयं ही … Read more

पार लगाती नाव

विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************* सागर पार लगाती नाव,लहरों पर न इतराती नाव,ऊपर-नीचे हिचकोले खाती,पर किसी को न गिराती नाव। पानी संग चलती जाती नाव,अपने गाँव पहुँचाती नावमंद हवा के झोंके भी खाती,लेकिन चलती जाती नाव। दिखती बड़ी मनोहारी नाव,मल्लाहों की प्यारी नावउनको रोजी-रोटी दिलाती,घर के उनको चलाती नाव। बच्चों को बहुत भाती नाव,नदी की सैर … Read more

ज्ञान

विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’इन्दौर(मध्यप्रदेश)***************************************************** सम्मान सदा ही बढ़ाता ज्ञान,यश,कीर्ति,मान भी दिलाता ज्ञान। अज्ञानता के तम को हर लेता,सर्वत्र ही प्रकाश फैलाता ज्ञान। वेद पुराणों से हमें जोड़ कर,संस्कृति का बोध कराता ज्ञान। सफलता के शिखर ले जाता,सुखद भविष्य का निर्माता ज्ञान। अच्छे-बुरे का भेद बताकर,जीवन का पाठ पढ़ाता ज्ञान। मात-पिता को गर्वित करता,मस्तक पर चाँद … Read more

अनमोल ज़िन्दगी

विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’इन्दौर(मध्यप्रदेश)***************************************************** कौन कहता है मुश्किलों से भरी है ज़िन्दगी,बड़ी अनमोल और सोने-सी खरी है ज़िन्दगी। नहीं काली अमावस से अंधेरी है ज़िन्दगी,पूनम की श्वेत रोशनी से गहरी है ज़िन्दगी। खट्टे मीठे अनुभवों की टोकरी है ज़िन्दगी,अंगूर-सी मीठी बड़ी अंगूरी है ज़िन्दगी। संतुष्टि हो साथ तो नहीं फकीरी है ज़िन्दगी,मन के राजा हो … Read more