प्यासी-प्यासी है अँखियाँ

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* काली घटा छाई मन में,प्यासी-प्यासी है अँखियाँ, यादें आकर रास रचाती बनकर के मेरी सखियाँ। घुमड़-घुमड़ कर भाव-बादल आते मेरे अंतर्मन में, पिया ने अभी तक न देखी अपनी दुखियारी दुखिया। पथ देख आँखें पथराती मन अति व्याकुल होता, जब न पाती में अपने प्रियतम की प्यारी चिठियाँ। रिमझिम-रिमझिम वर्षा … Read more