कुल पृष्ठ दर्शन : 319

You are currently viewing प्यासी-प्यासी है अँखियाँ

प्यासी-प्यासी है अँखियाँ

सुबोध कुमार शर्मा 
शेरकोट(उत्तराखण्ड)

*********************************************************

काली घटा छाई मन में,प्यासी-प्यासी है अँखियाँ,
यादें आकर रास रचाती बनकर के मेरी सखियाँ।

घुमड़-घुमड़ कर भाव-बादल आते मेरे अंतर्मन में,
पिया ने अभी तक न देखी अपनी दुखियारी दुखिया।

पथ देख आँखें पथराती मन अति व्याकुल होता,
जब न पाती में अपने प्रियतम की प्यारी चिठियाँ।

रिमझिम-रिमझिम वर्षा बरसे कैसे मन को समझाऊँ,
नयनों से आँसू आकर अविरल भिगो रहे हैं तकिया।

एक बार तो दर्शन दे दो,क्यों मेरा मन उन्मन करते।
आस लगाकर जीती निशदिन माँ की प्यारी बिटिया॥

परिचय – सुबोध कुमार शर्मा का साहित्यिक उपनाम-सुबोध है। शेरकोट बिजनौर में १ जनवरी १९५४ में जन्मे हैं। वर्तमान और स्थाई निवास शेरकोटी गदरपुर ऊधमसिंह नगर उत्तराखण्ड है। आपकी शिक्षा एम.ए.(हिंदी-अँग्रेजी)है।  महाविद्यालय में बतौर अँग्रेजी प्रवक्ता आपका कार्यक्षेत्र है। आप साहित्यिक गतिविधि के अन्तर्गत कुछ साहित्यिक संस्थाओं के संरक्षक हैं,साथ ही काव्य गोष्ठी व कवि सम्मेलन कराते हैं। इनकी  लेखन विधा गीत एवं ग़ज़ल है। आपको काव्य प्रतिभा सम्मान व अन्य मिले हैं। श्री शर्मा के लेखन का उद्देश्य-साहित्यिक अभिरुचि है। आपके लिए प्रेरणा पुंज पूज्य पिताश्री हैं।

Leave a Reply