दुश्मन भी गले मिल जाते हैं

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* ये भारत की धरती है दोस्तों, जहाँ सब मिल होली मनाते हैं। क्या तेरा-क्या मेरा यहाँ पर, दुश्मन भी गले मिल जाते हैं। इंद्रधनुषी रंगों के यहां तो, सभी ख्वाब दिखलाते हैं। प्यार मुहब्बत मिले जहाँ भी, दुश्मन भी गले मिल जाते हैं। रंगों के त्यौहार में देखो, सभी … Read more

औरत

सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… आसमां से जो उतर आई धरा पर, सूर्य की पहली किरण का तेज हो तुम। बादलों की गोद से जो बून्द सागर में गिरी, सीप से निकला हुआ मोती हो तुम॥ और जब बहारें झूम के आईं चमन में, गुल भी हो काँटा भी … Read more