विडम्बना

सुशांत सुप्रिय  ग़ाज़ियाबाद (उत्तरप्रदेश) ********************************************************************** उदास है, शिकंजी बेचने वालाl उदास है, भड़भूँजा बेचने वालाl उदास है, शकरकंदी बेचने वालाl नहीं बिक पा रही हैं इनकी देसी चीज़ें, लेकिन हरा है मौसम, बाज़ार काl वह देखो… कितनी भीड़ है, चिप्स और कोक-पेप्सी बेचने वाली दुकान पर, हँसते-हँसते दोहरे हुए जा रहे हैं पिज़्ज़ा-बर्गर के सभी … Read more