वक़्त
सुषमा मलिक रोहतक (हरियाणा) ************************************************************************************* मंजिल भी मिलेगी तुझे एक दिन, तू हौंसलों की उड़ान बनाता चल क्योंकि,वक़्त बदलते वक्त नहीं लगता। खिलेगी मुस्कुराहट भी तेरी एक दिन, तू अपनी हँसी से सबको हँसाता चल क्योंकि,वक़्त बदलते वक्त नहीं लगता। थिरक उठेगा तेरी जिंदगी का साज, तू घुँघरुओं की झंकार बजाता चल क्योंकि,वक़्त बदलते वक्त … Read more