अनार्याणां प्रवेश: निषिद्ध

सुशांत सुप्रिय  ग़ाज़ियाबाद (उत्तरप्रदेश) ********************************************************************** पंडित ओंकारनाथ संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वान थेl लोग उनके पांडित्य का लोहा मानते थे। पांडित्य उन्हें संस्कारों में मिला था।एक और वस्तु जो उन्हें संस्कारों में मिली थी,वह थी-कुल का गौरव और जातिगत अभिमान। उच्च वर्ण का जातिय अहं उनकी नस-नस में भरा था। उनका मानना था कि उनकी शिराओं … Read more

विडम्बना

सुशांत सुप्रिय  ग़ाज़ियाबाद (उत्तरप्रदेश) ********************************************************************** उदास है, शिकंजी बेचने वालाl उदास है, भड़भूँजा बेचने वालाl उदास है, शकरकंदी बेचने वालाl नहीं बिक पा रही हैं इनकी देसी चीज़ें, लेकिन हरा है मौसम, बाज़ार काl वह देखो… कितनी भीड़ है, चिप्स और कोक-पेप्सी बेचने वाली दुकान पर, हँसते-हँसते दोहरे हुए जा रहे हैं पिज़्ज़ा-बर्गर के सभी … Read more

अमूल्य

सुशांत सुप्रिय  ग़ाज़ियाबाद (उत्तरप्रदेश) ********************************************************************** पैर छूते ही माँ ने दिया है आशीष, जैसे आकाश ने दे दिया है क़ीमती इन्द्रधनुष, जैसे पेड़ों ने दे दिए हैं पके हुए फल, जैसे गृहिणी ने अनाज से भर दी है भिक्षु की ख़ाली झोली, जैसे चैन की नींद ने दे दी है थके मज़दूर को राहत l … Read more

धूप

सुशांत सुप्रिय  ग़ाज़ियाबाद (उत्तरप्रदेश) ********************************************************************** उदास-सा मैं इंडिया गेट के मैदान में चला आया था।कुछ जोड़े किनारे की घास पर बैठे थे।किशोर मैदान में क्रिकेट खेल रहेथे। वह एक धूसर-सा दिन था।आकाश बादलों से ढँका था। सामने से एक ढाई-तीन साल की बच्ची अपनी माँ की उँगली पकड़े चली आ रही थी।जब वे मेरे बग़ल … Read more