अमूल्य

सुशांत सुप्रिय  ग़ाज़ियाबाद (उत्तरप्रदेश) ********************************************************************** पैर छूते ही माँ ने दिया है आशीष, जैसे आकाश ने दे दिया है क़ीमती इन्द्रधनुष, जैसे पेड़ों ने दे दिए हैं पके हुए फल,…

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धूप

सुशांत सुप्रिय  ग़ाज़ियाबाद (उत्तरप्रदेश) ********************************************************************** उदास-सा मैं इंडिया गेट के मैदान में चला आया था।कुछ जोड़े किनारे की घास पर बैठे थे।किशोर मैदान में क्रिकेट खेल रहेथे। वह एक धूसर-सा…

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