जन्मदात्री

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** आठों याम जो जीती-मरती दिवा हो या रात्रि, महिमा का जिसकी वर्णन ना हो,वो है जन्मदात्री। हरदम दु:ख ले,सुख ही देती धैर्य में जैसे धारित्री, खुद भूखे रह भोग लगाती,जय हो तेरी जन्मदात्री। गीला हो जाए जब बिस्तर माघ में हो अँधियारी रात्रि, शिशु को सूखे खुद गीले पर सो … Read more

पसीने की पुकार

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** चलते हुए राह पर हमने सुना एक बड़ा चमत्कार, झलकी बूँद भाल पर जल की पसीने ने की एक पुकार। गिरने मत देना यूँ ही व्यर्थ में खोने मत देना मेरा आकार, मुझे टपकाना उस दुर्वादल में जहाँ हो जाए जीवन साकार। मुझे प्राप्त कर हँसेगी दूर्वा हरा होगा उसका … Read more

भारत का वीर जवान हूँ मैं

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** भारत का वीर जवान हूँ मैं, ना हिंदू ना मुसलमान हूँ मैंl भारतमाता के चरणों की, धूल में पला इंसान हूँ मैंl भारत का वीर जवान हूँ मैं, ना हिंदू ना मुसलमान हूँ मैं। तिरंगे पर जान लुटाते हैं, मिटाते कभी मिट जाते हैंl जन्मभूमि की रक्षा हेतु, करता खुद … Read more

महान भारत

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** कुदरत का उपहार स्वरूपा जन्मे थे जहाँ मनू-सतरूपा। बुद्ध जी दिल से दया है बहाई हमें गर्व है उन महापुरुषों पर, हम जिनकी अच्छी संतान हैं। कान्हा ने मधुर बंशी है बजाई, बंशी की मीठी और मधुर तान है। इसीलिए तो,अपना भारत महान है॥ नदियाँ बहकर हरियाली भर दें शीत … Read more

दार्शनिकता

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** दार्शनिक की दार्शनिकता से,दैत्य सारे जल रहे, गले ना उनकी दाल तो वे,इधर-उधर उछल रहे। दार्शनिक के दर्शन का,वे सामना ना कर सके, खड़ा होना तो दूर है,वे कदम ना आगे कर सके। जंगल में भी मंगल करे,दार्शनिक का यही काम है, बाधा चाहे कितनी रहें,वह चलता सदा अविराम है। … Read more

अभिनंदन का अभिनंदन

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** ‘अभिनंदन’ का अभिनंदन है, ऐ वीर तुम्हारा वंदन है। दैत्यों के चंगुल में रहकर भी, तुमने,साहस का किया ना खंडन है। ऐ वीर तुम्हारा वंदन है… अभिनंदन का अभिनंदन है॥ रहकर सर्पों के बीच में, मूँछों को तनिक न झुकने दिया॥ कहकर भारत माता की जय, जिसने वीरता का परिचय … Read more