कश्मीर में तिरंगा
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** अखंड भारत का सपना पूरा हो गया,नहीं हुआ कोई दंगा, घाटी में जय हिंद हो गई,अब लहराएगा हर कोई तिरंगा। भारत के सेवक संघों ने,अब…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** अखंड भारत का सपना पूरा हो गया,नहीं हुआ कोई दंगा, घाटी में जय हिंद हो गई,अब लहराएगा हर कोई तिरंगा। भारत के सेवक संघों ने,अब…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** सब कहते हैं बचकर रहना, बहकावे में कभी ना बहना जनता हो चाहे सरकार, सर्वव्यापी है भ्रष्टाचार। सुनी है मैंने कथा-कहानी, भगवन रूप जैसे है…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** देखो सुहाना सावन आया है, यह सबके मन को भाया है। कैलाश से भोले चले देवघर, यही है काँवर का पावर। बम बम बोलते चले…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** कारगिल विजय दिवस स्पर्धा विशेष………. हम कारगिल के समर विजय की गाथा गाते हैं, भारत के वीर सपूतों की वीरता को बताते हैं। जब पापी…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** हरदम पतझर नहीं रहेगा, अली कली को खिलाएगा। कहे 'उमेश' धैर्य रखो तुम, अपना समय भी आएगा। दुख के बादल अब छँट जायेंगे, नभ-बीच शशि…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** कहने को तो सभी मित्र हैं,पर एक हमारी अर्ज़ है, विपदा में जो करे मदद,यही मित्र का फ़र्ज़ है। बिन बुलाए दौड़कर आए,कहे ना कोई…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** हाय हाय रे गर्मी, हाय हाय रे गर्मी, जल बिन जन-जीवन तड़पे... मानसून ने ठानी बेहद बेशर्मी, हाय हाय रे गर्मी,हाय हाय रे गर्मी। वरुण…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** शरणार्थालय भारत हमारा है, यह जान से भी ज्यादा प्यारा है। यहाँ जो भी आए सादे मन से, हमने उसको स्वीकारा है। शरणार्थालय देश हमारा…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** वाह रे देश के चौकीदार, कमर तोड़ महँगाई बढ़ती। थमता नहीं है भ्रष्टाचार, वाह रे देश के चौकीदार॥ आफ़त में पड़ा अब जन जीवन है,…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** एक थे पाखंडी पंडित,करते पूजा-पाठ थे, हरदम स्वार्थ सिद्धि में रहते आठों याम थे। अपना फायदा हरदम देखते, फायदे के सिवा बात नहीं करते। हरदम…