था भरोसा मगर सब धुंआ हो गया…
वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) ****************************************************************** था भरोसा मगर सब धुंआ हो गया। नाम जिसका वफ़ा बेवफा हो गया। सिर्फ मतदान करके जरा सोचिए, फर्ज क्या आपका है अदा हो गया। जिंदगी में खुशी की तमन्ना रही, क्यूँ गमों का मगर सिलसिला हो गया। वो विधायक बना जबसे है साथियों, ऐसे मिलता है जैसे खुदा … Read more