नशा

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’ बरेली(उत्तर प्रदेश) ************************************************************************* ये दुनिया एक मयखाना है, जिसे देखो वही दीवाना है। शोहरत का कोई दौलत का, औरत का तो कोई मय का दीवाना है। खाने का तो कोई सोने का, किसी को पढ़ने का,हमको लिखने का नशा पुराना है। शोहरत जब जब बढ़ती है, नशा अहम का छा जाता … Read more

संकल्प-जरा गौर से तुम सुन लो आतंकियों…

डॉ.नीलम वार्ष्णेय ‘नीलमणि’ हाथरस(उत्तरप्रदेश)  ***************************************************** जरा गौर से तुम सुन लो आतंकियों मेरी कहानी। मत भूलो इन दिलों से संसार की प्रीत पुरानी। तुम मिटा रहे हो जिसको,कुदरत अनमोल निशानीll जरा गौर से… आँसू देखो बचपन के खुशियों में तुमने गुजारे, दूर वो अपने पराये देखे नफरत के अँधेरे। मुरझाये इन फूलों की कीमत कब … Read more

प्रेम प्रतीक

डॉ.नीलम वार्ष्णेय ‘नीलमणि’ हाथरस(उत्तरप्रदेश)  ***************************************************** आया होली का त्यौहार खुशियों के लिये, ऐसी करें रब से प्रार्थना सभी के लिये। कभी दु:ख नहीं हो पलभर के लिये, एक-दूजे से गले मिलें,ज़िन्दगीभर के लियेll सब पर रंग चढ़े ऐसी रंगाओ होरी, काहू को दिल न जरै ऐसी जराओ होरी। सब पर रंग…ll केसरिया पीलौ लाल गुलाबी … Read more