मातु शारदे दीजिए वरदान
रमेश शर्मा मुम्बई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** मातु शारदे दीजिए,यही एक वरदानl दोहों पर मेरे करे,जग सारा अभिमानll मातु शारदे को सुमिर,दोहे रचूँ अनंतl जीवन में साहित्य का,छाया रहे बसंतll सरस्वती से हो गया,तब से रिश्ता खासl बुरे वक्त में जब घिरा,लक्ष्मी रही न पासll आई है ऋतु प्रेम की,आया है ऋतुराजl बन बैठी है नायिका,सजधज कुदरत आजll … Read more