रहें पाखंड से बचकर
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** एक थे पाखंडी पंडित,करते पूजा-पाठ थे, हरदम स्वार्थ सिद्धि में रहते आठों याम थे। अपना फायदा हरदम देखते, फायदे के सिवा बात नहीं करते। हरदम अपना दांव लगाते, रुपए खातिर दौड़ के आते। राहू-केतु का भय दिखाकर, लोगों को बहला फुसला कर। अपनी रोटी खूब कमाते, लोगों को मूर्ख रोज … Read more