मैं हूँ नारी

केवरा यदु ‘मीरा’  राजिम(छत्तीसगढ़) ******************************************************************* मैं ही तो वह नारी हूँ, जो सिंदूर देशहित वारी हूँ। बेटे के माथे तिलक लगा, सीमा पर मैं विदा कराती हूँ। जब ओढ़ कफन तिरंगा आता, अश्रु आँचल में छुपाती हूँ। मैं शेरनी महतारी हूँ, हाँ मैं वही नारी हूँ…॥ मैं रिद्धि हूँ,मैं सिद्धी हूँ, मैं ही तो मात … Read more

अभिनंदन

केवरा यदु ‘मीरा’  राजिम(छत्तीसगढ़) ******************************************************************* मेरे देश का वीर सिपाही, मेरे माथे का चंदन। ‘अभिनंदन’ का अभिनंदन, है शत-शत बार नमन। आने से महका गुलशन, झूम उठा गगन। अभिनंदन का है अभिनंदन, शत-शत बार नमन। है भारत का शेर, दहाड़ कर आया है। जुल्मों सितम के आगे, नहीं शीश झुकाया है। धन्य-धन्य हे वीर कहे, … Read more